किसानों के खेत यथावत, सरकारी जांच करने वाले ने घटाया रकबा

कई तरह की परेशानी बढ़ी आर्थिक चुनौती कायम
कोरबा। औद्योगिक जिले कोरबा में किसानों की संख्या 50 हजार से भी ज्यादा है जिनकी जीविका कुल मिलाकर खेती-किसानी पर निर्भर होती है। खरीफ की मुख्य फसल धान के लिए 32हजार 589 ने अपना पंजीकरण कराया है। काफी किसानों की परेशानी लगातार दूसरे वर्ष इस बात से बढ़ी है कि उन्होंने ज्यादा हिस्से में धान की फसल लगाई, लेकिन सरकारी सत्यापन की प्रक्रिया में कृषि रकबा कम कर दिया गया है। ऐसे में फसल की कुछ ही मात्रा किसान बेच पाएंगे। लगातार इस तरह के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि शिकायत मिलने पर संज्ञान लेने के साथ निराकरण किया जाएगा।
कोरबा जिले के सभी क्षेत्रों में धान का रकबा कम किये जाने से संबंधित शिकायतें प्राप्त हो रही है। जिले में धान की फसल लेने वाले सीमांत और गैर सीमांत किसान शामिल हैं,जो अपनी सामथ्र्य के अनुसार खेती-बाड़ी करते हैं। सिंचाई के संसाधन के साथ बड़े किसानों ने सैकड़ों हेक्टेयर में धान की फसल ली है। जबकि मानसून के भरोसे रहने वाले किसान छोटे स्तर पर इस काम में जुटे हैं। बीते वर्षों में किसानों ने अपने कृषि रकबे में सकल रूप से उत्पादित फसल को बेचने में सफलता हासिल की। खबर है कि व्यवस्था में कई कारणों से बदलाव करने का काम सरकारी तौर पर किया गया। फसल खेत में खड़ी रहने के साथ प्रशासन ने पटवारियों के जरिए इसका सत्यापन कराया। हर स्तर पर पटवारियों की पहुंच के दावे किये गए। राजस्व विभाग की सबसे छोटी इकाई ने इस काम को किया और अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी। सत्यापन प्रमाण पत्र समितियों को दिए गए। इस आधार पर वहां किसानों से धान की खरीदी करने का काम किया जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में कृषि करने वाला वर्ग इस बात को लेकर नाराज है कि जितने रकबे में फसल हुई, उसके बहुत बड़े हिस्से को काट दिया गया। कुल मिलाकर कम रकबे को रिकार्ड में शामिल किया गया। इसी के अनुसार उनकी धान एमएसपी के अंतर्गत विक्रय की व्यवस्था में आ सकेगी। किसान पूछ रहे हैं कि बाकी बची धान का वे क्या करें। ऐसे में विकल्प यही बचता है कि या तो इसे बिचौलियों के हवाले करे या फिर किसी और स्तर पर कारोबारियों को खपाएं। किसानों का सवाल है कि उनकी कृषि भूमि जितनी पहले थी, उतनी अभी भी है तो सरकारी जांच में कृषि रकबा आखिर किस तरह कम हो सकता है। कोरबा में भले ही किसान शांत हैं लेकिन कई जगह इस अव्यवस्था को लेकर प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है।
शिकायत का करेंगे समाधान
किसी भी क्षेत्र से किसानों के द्वारा कृषि रकबे को गैरजरूरी तरीके से कम किये जाने की शिकायत की जाती है तो इसकी जांच कराएंगे और उपयुक्त मामलों में समाधान कराया जाएगा। इसके लिए प्रभावित पक्ष को अनिवार्य रूप से शिकायत करनी होगी।
– प्रियंका महोबिया, एडीएम कोरबा