HomeUncategorizedकर्नाटक में शासकीय ठेकों में धर्म आधारित आरक्षण निंदनीय: CM साय,,

कर्नाटक में शासकीय ठेकों में धर्म आधारित आरक्षण निंदनीय: CM साय,,

रायपुर। कर्नाटक सरकार द्वारा शासकीय ठेकों में धर्म आधारित आरक्षण देने के फैसले को लेकर विवाद गहरा गया है। इस निर्णय की चौतरफा आलोचना हो रही है, जिसमें इसे भारतीय संविधान के खिलाफ बताया जा रहा है। विपक्षी दलों और कई संगठनों ने इस निर्णय को तुष्टीकरण की पराकाष्ठा बताते हुए इसे अस्वीकार्य करार दिया है। आलोचकों का कहना है कि कांग्रेस जहां भी सत्ता में होती है, वह संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत कार्य करने का प्रयास करती है। गौरतलब है कि पहले भी विभिन्न न्यायालयों द्वारा धर्म के आधार पर आरक्षण को असंवैधानिक ठहराया गया है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भी अदालत में टिक नहीं पाएगा।

बावजूद इसके, कांग्रेस सरकार द्वारा इस निर्णय को लागू करना समाज में वैमनस्यता फैलाने की कोशिश बताया जा रहा है। इस फैसले के विरोध में कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधा जा रहा है। मांग की जा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इसे तत्काल वापस लेने का निर्देश देना चाहिए। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे को भी कटघरे में खड़ा किया गया है। आलोचकों का कहना है कि वंचित समाज से आने के बावजूद वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी के दबाव में अपने ही समाज के खिलाफ साजिशों में शामिल हो रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस फैसले को लेकर कानूनी चुनौती दी जा सकती है और आने वाले समय में यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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