बेंगलुरू। कर्नाटक के बेल्लारी जिले में मानसिक रूप से विक्षिप्त एक भिखारी के अंतिम संस्कार में हजारों लोग उमड़े। 45 वर्षीय हुचा बस्या के नाम से चर्चित भिखारी, जिसे बसवा भी कहा जाता था, की पिछले सप्ताह मौत हो गई थी।
उसकी मौत की वजह था- शनिवार को हुआ एक सड़क हादसा। ‘हुचा बस्या’ एक ऐसा भिखारी था, जो किसी इंसान से भीख में सिर्फ 1 रुपये लेता था। उसकी अच्छे बर्ताव की वजह से शहरभर के लोग उससे भावनात्मक रूप से जुड़ हुए थे।
बेल्लारी में गूंजा ‘हुचा बस्या’
सोशल मीडिया पर अब ‘हुचा बस्या’ की एक हीरो के रूप में चर्चा हो रही है। दरअसल, ‘हुचा बस्या’ का बेल्लारी के पास के हाडागली कस्बे के लोगों से विशेष लगाव था, जहां लोगों का मानना था
कि उसे भिक्षा देने से उन्हें सौभाग्य प्राप्त होगा। हालांकि, वह अल्पायु में ही दुनिया से विदा हो गया। हाल ही हुए हादसे में उसकी मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी। शहर भर में लोगों ने बैनर लगाए। उसकी लाश को एक जुलूस में ले जाया गया, जिसमें मुख्य सड़कों पर एक बैंड द्वारा संगीत भी बजाया जा रहा था।
बहुत भला आदमी था ‘हुचा बस्या’
‘हुचा बस्या’ के बारे में बताते हुए एक बुजुर्ग ने कहा कि, बस्या इतना भला आदमी था कि, अगर लोग उसे और पैसे लेने के लिए मजबूर करते, तो भी वह मना कर देता था। वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था, लेकिन उसकी मासूमियत की यहां के राजनेताओं ने भी खूब कद्र की। लोग उसे अपना गुड लक चार्म मानते थे और उसका सम्मान करते थे।
सिर्फ 1 रुपया भीख में लेता था
सोशल मीडिया पर कर्नाटक के विख्यात भिखारी के बारे में एक शख्स ने लिखा, ”किसी व्यक्ति से भिक्षा के रूप में ‘हुचा बस्या’ बस एक रुपये लेता था और बाकी की रकम वापस कर देता था। अगर लोग उसे और पैसे लेने के लिए मजबूर करते तो भी वह मना कर देता। वह पूर्व उपमुख्यमंत्री दिवंगत सांसद प्रकाश और पूर्व मंत्री परमेश्वर नाइक को जानता था। उसने कई दफा बिना किसी झिझक के और मासूमियत से राजनेताओं से बात की।
सोशल मीडिया ने बनाया हीरो
बहरहाल, ‘हुचा बस्या’ के अंतिम संस्कार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। कई लोगों ने याद करते हुए लिखा कि कैसे ‘हुचा बस्या’ ने लोगों को ‘अप्पाजी (पिता)’ के रूप में संबोधित किया। एक यूजर ने कहा, ‘वह भीख मांगता था, लेकिन मौत ने उसे हीरो बना दिया। अच्छे कामों के लिए लाउडस्पीकर की जरूरत नहीं होती। रिप नेक आत्मा।’
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