छ,ग कटघोरा नगर के सम्मानित साहित्यकारों द्वारा वसुंधरा दिवस के अवसर पर काव्य गोष्ठी आयोजन करते हुए,
22 अप्रैल पृथ्वी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक संस्था संस्कार भारती इकाई कटघोरा ने काव्य गोष्ठी का आयोजन किया।
इस अवसर पर प्रांतीय भू अलंकरण प्रमुख श्रीमती गंगा कौशिक जी ने भव्य रंगोली का निर्माण किया।
काव्य गोष्ठी का आयोजन का प्रारंभ मां सरस्वती के छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। देवव्रत देव अपनी कविता में रामचरितमानस के संदर्भ पर कविता पढ़कर रिश्तो के महत्व को बतलाया। सुरेश चंद्रा जी ने अपनी कविता में भविष्य के भारत के संदर्भ पर अपनी बातें रखी। शिव दुबे ने कविता में मां वसुंधरा व्यक्त किया। श्री रवि पांडे ने अपनी गजल मानवीय दायित्व का निर्वहन की बातें की। सरजू डिक्सेना जी ने जनमानस का आवाहन करते हुए कहा
पुकारती वसुंधरा, प्रबुद्ध जन सुने जरा-,विकास आज किस तरह,
मनुष्य है डरा-डरा, के माध्यम से वसुंधरा के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की। योगी जी ने अपनी रचनाओं में पुरानी यादों को संजोते हुए मां भारती के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की। डॉ शेख इश्तियाक में अपनी अपनी कविता में शासन द्वारा पर्यावरण क्षेत्र बरती जा रही में लापरवाही को इंगित किया। जी आर राजपूत जी ने अपनी छत्तीसगढ़ी कविताओं से उपस्थित सभी दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर संस्कार भारती के सभी सदस्यों ने मां वसुंधरा को सुरक्षित संवर्धित करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर शांति महामंत्री जे एस मानसर जी, सी आर देवांगन , पारसनाथ योगी ,राज यादव, भारत भूषण साहू, श्रीमती रामकुमारी देवांगन, विनोद जायसवाल, देवेन्द्र डिक्सेना जी उपस्थित थे।
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