बिहार के आईपीएस अधिकारी राकेश दुबे के ठिकानों पर ECONOMIC OFFICE UNIT (EOU) की टीम की छापेमारी लगातार जारी है। प्रमोशन पाकर आईपीएस बने और भोजपुर जिले में तैनाती के दौरान ही उन्हें बालू माफिया से साठगांठ के आरोप में वहां से हटा दिया गया था।
पटना और झारखंड में राकेश दुबे के चार ठिकानों पर पुलिस की टीम ने छापेमारी की और वहां से पुलिस टीम को कई दस्तावेज मिले जिनके हिसाब से राकेश दुबे ने अपनी काली कमाई से रियल एस्टेट, जमीन और होटल बिजनेस में करोड़ों रुपये लगा रखे थे।
राकेश दुबे ने बिहार, झारखंड और नोएडा में करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी खरीद रखी है। राकेश दुबे पहले आईपीएस अधिकारी है जिनके खिलाफ नितिश सरकार ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है।
राकेश दुबे के ठिकानों पर छापेमारी से करोड़ों की संपत्ति का पता चला है
बिहार में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण की मुहिम तब से शुरु हुई जब बिहार के आईपीएस अधिकारी एन एच खान ने बतौर एडीजी EOU को ज्वाइन किया। भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त रवैया रखने वाले एन एच खान ने कुर्सी संभालते ही बिहार के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी जिसका शिकार राकेश दुबे भी हो गए।
खान के मुताबिक अभी तक टीम को दुबे की बिहार और झारखंड में काली कमाई से ली गई जमीनों के बारे में पता चला है लेकिन अभी भी छापेमारी जारी है और टीम को उम्मीद है कि और भी प्रॉपर्टियों के बारे में पता चलेगा।
राकेश दुबे का साल 2000 में बतौर आईपीएस प्रमोशन हुआ था जिसके बाद उन्होंने एसटीएफ और बिहार पुलिस के अलग-अलग विभागों में काम किया ता। साल 2016 में राकेश दुबे को उनकी सेवाओं के लिए पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था।
जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक ये तो महज शुरुआत है
शुरुआती जांच में ही पुलिस टीम को 25 लाख के लेनदेन का पता लगा है जो ख्याति कन्सट्रेक्शन नाम की एक कंपनी के खाते में जमा कराए गए थे। इसके अलावा जांच में ये बात भी सामने आई है कि राकेश दुबे करोड़ों रुपये ब्याज पर भी उठाते थे।
फुलवारीशरीफ में तैनाती के दौरान राकेश दुबे ने वहां पर जमीन भी खरीदी थी। अभी तक की जांच में राकेश दुबे की 2 करोड़ 55 लाख की संपत्ति का पता चला है लेकिन पुलिस की टीम मान रही है कि ये बरामदगी बेहद कम है और आने वाले वक्त में और भी संपत्तियों का पता चलेगा।
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