चेन्नई: तमिलनाडु के तंजावुर में 17 साल की स्टूडेंट लावण्या की ख़ुदकुशी का मामला अब जोर पकड़ रहा है। ये घटना बुधवार (19 जनवरी, 2022) की है। लड़की के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि हॉस्टल वॉर्डन द्वारा उसे प्रताड़ित किया गया था और मारा-पीटा गया था, क्योंकि उसने ईसाई मजहब में धर्मांतरण से मना कर दिया था। पीड़िता ने 9 जनवरी, 2021 को ही ज़हर खा लिया था। 10 दिन तक चले उपचार के बाद उसने दम तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर लड़की का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो बता रही है कि धर्मांतरण न करने की वजह से उसे प्रताड़ित किया गया था।
मीडिया से बात करते हुए लड़की के माता-पिता ने कहा कि सोमवार को उनके पास 9:45 बजे सुबह एक कॉल आया। उनसे पूछा गया कि क्या लावण्या उनकी बेटी है, हामी भरने पर बताया गया कि उसका स्वास्थ्य सही नहीं है और उसे उलटी हो रही है। पिता को आकर उसे घर ले जाने के लिए कहा गया। तब तक पिता को भी यह नहीं बताया गया था कि उनकी बेटी ने ज़हर खा लिया है। आने वाले दो दिनों तक वो लावण्या को लेकर अस्पतालों में घूमते रहे। लावण्या के परिवार वालों ने बताया कि, ‘ईसाई धर्मांतरण के लिए प्रताड़ित और परेशान किए जाने के बाद मेरी बेटी को ख़ुदकुशी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अस्पताल के रिपोर्ट्स से ही पता चला कि मेरी बेटी ने ज़हर खाया है। मुझे कहा जाता था कि अपनी बेटी को हमारी तरह बना दो, तब वो पड़ेगी, बड़े पद पर पहुँचेगी और समाज में उसे आदर मिलेगा। वो लोग मेरे पड़ोसी ही थे, तभी से मुझ पर भी दबाव डाला जा रहा था। धमकी दी गई थी कि किसी को इस संबंध में कुछ बताने पर मेरी बेटी के चरित्र को लेकर अफवाह फैला देंगे।’
माता-पिता ने बताया कि लावण्या से जबरन शौचालय साफ़ करने, भोजन बनाने और अकाउंट्स मैनेज करने का भी कार्य करवाया जाता था, क्योंकि उसने ईसाई बनने से मना कर दिया था। परिजनों का कहना है कि मजदूर और गरीब परिवार होने की वजह से पुलिस-प्रशासन ने उनकी शिकायत को गंभीरता से भी नहीं लिया। उन्होंने बताया कि घर में तीन और बच्चे हैं, उनकी पढ़ाई-लिखाई कैसे होगी। उन्होंने दोषियों को जेल भेजने की माँग की और ईसाई स्कूल को भी फ़ौरन सील करने की माँग की।
जन जन की आवाज़