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आरआई व पटवारी ने बदल दिया जमीन का मालिक, सरपंच की भी भूमिका, एनएच के मुआवजा पर रोक लगाने की गुहार

कोरबा-पाली –

आरआई और पटवारी ने सरपंच से सांठगांठ कर वर्षो से काबिज ग्रामीण की जमीन दूसरे के नाम पर दर्ज कर दिया। इसके कारण नेशनल हाइवे में निकली जमीन के मुआवजा में छलपूर्वक दूसरे ग्रामीण को लाभ दिलाया गया है जो कभी भी उक्त भूमि पर काबिज ही नहीं रहा। एनएच क्रमांक-130 (कटघोरा- अम्बिकापुर) में अधिग्रहण हेतु सड़क परिवहन राज्य मंत्रालय द्वारा दिनांक 04/08/2022 को प्रकाशित अधिसूचना ग्राम बनबांधा की भूमि खसरा नं 155/2 की भूमि के मुआवजा प्रकाशन में आपत्ति की गई है।

इस संबंध में आवेदक जयसिंह पिता घासी सिंह निवासी ग्राम- बनबांधा, तहसील पाली ने बताया कि उंसके नाम पर ग्राम बनबांधा प.ह.नं. 22 रा.नि.मं. पाली जिला कोरबा (छ.ग.) में भूमि खसरा नं. 47/1, 47/8/ 65/2, 78/1, 78/3, 92/2 154 कुल रकबा 3.175 है. भूमि स्थित है जिसमें से खसरा नं. 154 में से लगा हुआ ख.नं. 155/1 की भूमि है जो कि 0.60 है की भूमि है जिसका पट्टा पूर्व से उसे प्राप्त है।

इस भूमि पर उंसके दादा-परदादा लगभग 100 वर्ष से काबिज काश्त होकर अपना एवं अपने परिवार का पालन पोषण कर अपना जीवनयापन करते चले आ रहे है। वर्तमान में उक्त भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु प्रस्तावित है जहां पर जयसिंह का घर, बाड़ी, मकान बना हुआ है। जब उक्त भूमि में राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण के द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा था तब उंसके द्वारा आपत्ति किया गया। उसे राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी के द्वारा समझाईश दिया गया कि जमीन का मुआवजा बनेगा और अभी सड़क निर्माण कार्य को करने दो तब उन्हें निर्माण कार्य करने दिया परन्तु सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा दिनांक 04/08/2022 को प्रकाशित अधिसूचना में उसका नाम प्रकाशन में नहीं है।

अपने अधिग्रहित भूमि का प्रकाशन नहीं होने के संबंध में जयसिंह ने राजस्व न्यायालय जाकर जानकारी लिया तो पता चला यह भूमि का खसरा नं. 155 / 2 है जो नाबालिग अनिकेत वगैरह के नाम पर दर्ज है और उसी के नाम पर मुआवजा प्रकाशन हुआ है जबकि अनिकेत या उसके पिता, दादा, परदादा व उनके पूर्वज द्वारा कभी भी उक्त भूमि पर काबिज काश्त नहीं रहे हैं। उस परिवार में अभी वर्तमान में सुरेश खैरवार है जो कि ग्राम बनबांधा का सरपंच है जिसके पहुंच पावर व वर्तमान आरआई, पटवारी से सांठगांठ कर जबरन जयसिंह की भूमि को अपना बताते हुए मुआवजा प्राप्त करना चाहता है जबकि उक्त अधिग्रहित भूमि का वास्तविक हकदार व किसी योजना में अधिग्रहित होता है तो उक्त भूमि का प्रतिफल प्राप्त करने का हकदार व अधिकारी जयसिंह ही है।

जयसिंह ने कलेक्टर को आवेदन देकर आग्रह किया है कि उक्त अधिग्रहित भूमि 155/2 की जांच करते हुए।

सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा अधिसूचना में सुधार कर उंसके नाम पर मुआवजा की अधिसूचना प्रकाशित कर मुआवजा राशि प्रदान करने की कृपा करें।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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