सुकमा जिले में फोर्स व पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। हिंसा का रास्ता छोड़ 7 नक्सलियों ने पुना नर्कोम (नई सुबह-नई शुरुआत) अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों पर फोर्स को नुकसान पहुंचाने सहित कई मामले थानों में दर्ज है। सभी नक्सली स्थायी वारंटी हैं, जिसमें कुछ पर इनाम भी घोषित है। बड़ी संख्या में नक्सलियों के समर्पण से माओवादी संगठन को झटका लगा है।
सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि नक्सलियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर माओवादी संगठन के सक्रिय नक्सली कुंजामी कोसा (डीएकेएमएस सदस्य), कुंजामी गंगा (डीएकेएमएस सदस्य), नागेश वंजामी (डीएकेएमएस सदस्य), कवासी हिंगा (डीएकेएमएस सदस्य), सोढ़ी लखमा (डीएकेएमएस सदस्य), करटामी हुंगा (संघम सदस्य), कुंजामी जायके (संघम सदस्य) ने बिना हथियार के सरेंडर किया है। माओवादियों ने नक्सल ऑप्स कार्यालय सुकमा में कुलदीप कुमार जैन कमांडेंड 226 वाहिनी सीआरपीएफ, अजीत भाटी टूआईसी 226 वाहिनी सीआरपीएफ, परमेश्वर तिलकवार पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सुकमा एवं रोहित शुक्ला उप पुलिस अधीक्षक सुकमा के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
पुना नर्कोम अभियान को मिल रही सफलता
एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि सभी नक्सली स्थायी वारंटी हैं और इन पर थाना कुकनार में कई मामले दर्ज हैं। एसपी शर्मा ने कहा कि पुलिस के दबाव में नक्सली बैकफुट पर हैं और लगातार समर्पण कर रहे हैं। पुना नर्कोम अभियान को लेकर सफलता मिल रही है। कई हार्डकोर माओवादी समर्पण कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं। वहीं कई हार्ड कोर नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं। शर्मा ने कहा कि आत्म समर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा। इससे पहले साल 2022 के पहले दिन 1 जनवरी को करीगुंडम सीआरपीएफ कैंप में 9 महिला सहित कुल 44 नक्सलियों ने सरेंडर किया था।