
यहां बताना होगा कि गेवरारोड -पेंड्रारोड रेल कॉरिडोर परियोजना में एसईसीएल दीपका गेवरा से संपर्क रेल लाइन के कारण नगर पालिका परिषद दीपका के वार्ड क्रमांक 7 के कृष्णा नगरवासी काफी परेशान हैं। इस रेल पथ के प्रस्ताव आने के बाद से ही विरोध हो रहा है, क्योंकि कृष्णा नगर चारों दिशाओं से रेल पथ, कोयला से घिर रहा है, जिससे यहां के लोगों को आवागमन के साथ ही प्रदूषण की समस्याओं से जीना दूभर हो जाएगा। पूर्व में यहां के 42 मकानों का अर्जन किया जा चुका है और बस्ती से रेल लाइन गुजरने से अन्य 140 मकान में रहने वाले 3000 से ज्यादा की आबादी प्रभावित होगी। जिनका पूर्ण अर्जन व अन्य स्थान पर पुनर्वास की मांग पूरी न होने के बाद लोंगो को अब मजबूरी में आंदोलन की राह चुनने के लिए बाध्य होना पड़ा है। इस समस्या को लेकर पिछले दिनों दीपका नगर पालिका परिषद के वार्ड 7 कृष्णा नगर में ऊर्जाधानी भू विस्थापित किसान कल्याण समिति के मार्गदर्शन में एक बैठक आहुत की गई, जिसमें सर्व सम्मति से चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया गया । आंदोलन का आगाज करते विगत सप्ताह एसडीएम कार्यालय के घेराव और प्रदर्शन के बाद आज मंगलवार को कलेक्टोरेट कार्यालय का घेराव किया गया।
135 किमी लम्बी रेल परिपथ का निर्माण
एसईसीएल कोरबा कोल फील्ड्स के गेवरा, दीपका, कुसमुंडा और कोरबा क्षेत्र में विश्व का सबसे ज्यादा कोयला का भंडार मौजूद है और उत्पादन के लक्ष्य के साथ ही परिवहन की समस्या को दूर करने के लिए गेवरा रोड-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर परियोजना तैयार की गई है, जिसमें 135 किमी लम्बी रेल परिपथ का निर्माण किया जाना है। इस रेल कॉरिडोर से दीपका गेवरा क्षेत्र से कोयला परिवहन करने के लिए संपर्क रेल मार्ग का निर्माण किया जा रहा है जो कि बस्ती से लगभग 30 फिट ऊंची और 9 रेल लाइन बनाई जा रही हैं। अभी भी दो रेल लाइन दूसरी तरफ से चल रही हैं जबकि एक ओर कोयला परिवहन और कोल वाशरी से घिरा हुआ है, जिससे पूरी बस्ती गड्ढे में तब्दील हो जाएगी और कृष्णा नगर सभी दिशाओं से घिर जाएगा और आने वाले समय में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
तो 20 को करेंगे रेल रोको आंदोलन
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भूविस्थापित नेता सपूरन कुलदीप ने बताया है कि बात नहीं बनने पर 20 अगस्त को कृष्णा नगर से होकर गुजरने वाली लाइन पर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि कृष्णा नगर के नागरिकों को अन्यत्र पुनर्वास देने की मांग को ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने समर्थन दिया है और यदि बस्ती वासियों की मांगों की अनदेखी की जाएगी तो उनके आंदोलन का विस्तार किया जाएगा।
जानें प्रभावितों का दर्द 👇
केवल सर्वे कर दस्तावेज संकलित कर चले जाते हैं रेलवे प्रशासन के अधिकारी, समस्या यथावत
2016 से उक्त परियोजना में मांगो ,समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। रेलवे -जिला प्रशासन के जिम्मदार अधिकारी ,अमला समय समय पर सर्वे करने आते हैं ,नाप जोख कर हम लोगों से मकानों का दस्तावेज संकलित कर चले जाते हैं। समस्या यथावत है। रेलवे 42 लोगों के मकानों के अधिग्रहण के बाद चारों दिशाओं से घिरे हम 140 परिवारों के अधिग्रहण की मांगों को नजरअंदाज कर रहा है। हमारी मांगों की अनदेखी की गई तो रेल लाईन रोकेंगे।
सुनील शर्मा,प्रभावित वार्ड क्रमांक 7 ,कृष्णानगर दीपका
चारों दिशाओं से घिरे कुंआ जैसे हालात,नहीं मानी मांगे तो करेंगे चक्काजाम
हमारा कृष्णा नगर चारों दिशाओं से रेल पथ, कोयला से घिर रहा है, जिससे यहां के हमारा आवागमन के साथ ही प्रदूषण की समस्याओं से जीना दूभर हो गया है। रेल लाइन से 30 फीट नीचे कुंआ जैसे हालात में हम कैसे जीवन निर्वाह करेंगे। हमें उचित मुआवजा व बसाहट नहीं दिया तो रेल रोक चक्काजाम करेंगे।
मीना थापा,प्रभावित ,वार्ड क्रमांक 7 , कृष्णानगर दीपका
8 साल से संघर्ष कर रहे ,अब जारी रखेंगे आंदोलन
8 साल से इस परियोजना में विसंगति को लेकर हम आवाज बुलंद कर रहे लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चारों दिशाओं से घिर गए हैं। आने वाले समय में बीमारी से भी जूझेंगे। हमारी भी मकान का अधिग्रहण कर विस्थापन दिया जाए अन्यथा हम रेल रोको आंदोलन करेंगे।
धनेश्वरी बाई,मीना थापा,प्रभावित ,वार्ड क्रमांक 7 , कृष्णानगर दीपका

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