रायपुरः उत्तरप्रदेश में कल पहले चरण का चुनाव है लेकिन इसके चुनावी शोर से छत्तीसगढ़ का कनेक्शन भी जुड़ा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वहां कांग्रेस के सीनियर ऑब्जर्वर हैं। साथ ही वहां के कांग्रेस घोषणापत्र से लेकर प्रचार तक में छत्तीसगढ़िया मॉडल खूब चर्चा में है। अब सवाल है कि क्या है छत्तीसगढ़ मॉडल जिसका जिक्र प्रियंका गांधी ने यूपी कांग्रेस के मेनिफेस्टो में किया है? ये मॉडल यूपी चुनाव में कितना अहम साबित होगा? सवाल ये भी कि क्या इसके जरिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का राजनीतिक विस्तार हो रहा है?
देश के सबसे बड़े सियासी अखाड़े यूपी में जब कांग्रेस मैदान में उतरी तो उसके पास बताने के लिए छत्तीसगढ़ का वो मॉडल है, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। दरअसल, प्रियंका गांधी ने लखनऊ में पार्टी की घोषणा पत्र ‘यूपी का उन्नति विधान’ जारी करते हुए छत्तीसगढ़ मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में कांग्रेस की सरकार आती है, तो वहां भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर गोधन न्याय योजना लागू की जाएगी। यूपी में भी हम दो रुपए किलो में गोबर की खरीदी करेंगे।
प्रियंका गांधी की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी यूपी कांग्रेस के घोषणा पत्र को ट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आगामी उत्तप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र यूपी का उन्नति विधान में छत्तीसगढ़ मॉडल का जिक्र हुआ है। पार्टी ने छ्तीसगढ़ की तर्ज पर उत्तरप्रदेश में भी गोधन न्याय योजना लागू करने का संकल्प लिया है। वैसे यूपी कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का ही जिक्र नहीं है बल्कि प्रियंका गांधी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की तरह यहां भी किसानों का कर्जमाफ और बिजली बिल माफ होंगे। इसके अलावा 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान-गेंहू खरीदने का ऐलान भी यूपी कांग्रेस के घोषणापत्र में किया गया है। इधर उत्तरप्रदेश में छत्तीसगढ़ मॉडल का प्रचार करने के लिए प्रदेश के दर्जनों नेताओं समेत महिला कांग्रेस और NSUI ने भी मोर्चा संभाला हुआ है।
यूपी के चुनावी दंगल में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता ही नहीं लगे हैं बल्कि प्रदेश सरकार की योजनाएं भी चुनाव प्रचार का हिस्सा हैं। हालांकि बीजेपी दावा कर रही है कि असम की तरह यूपी की जनता भी छग मॉडल को नकार देगी। भले ही सियासी शोर यूपी में मचा है, लेकिन इसका असर छत्तीसगढ़ तक है। अब इसके मायने क्या हैं? क्या छत्तीसगढ़ मॉडल कांग्रेस के लिए कामयाब ब्रांड बन रहा है? सवाल ये भी कि यूपी चुनाव में कितना अहम हो सकता है छग मॉडल?