जन जन की आवाज, अररिया, बिहार
अररिया जिले में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण व संक्रमितों की लगातार हो रही मौत के बीच बड़ी चूक सामने आई है। जिले के 32 पंचायत ऐसे हैं जहां से अभी तक मास्क बनाने के लिए जीविका को आर्डर ही नहीं मिला है। अब जबकि ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना पांव फैला चुका है, दिन-प्रतिदिन लोग मर भी रहे हैं। ऐसे समय में ये लापरवाही समझ से परे है। ये लापरवाही काफी महंगी साबित हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो इसके जिम्मेदार कौन होंगे। आखिर इन पंचायतों के पंचायत सचिव द्वारा मास्क बनाने के लिए कब आर्डर दिये जाएंगे, कब बनकर तैयार होगा, वहां से कब आपूर्ति होगी और कब ग्रामीणों के बीच वितरण होगा, यह बड़ा सवाल है। आखिर चूक कहां हुई। मॉनीटरिंग में कहां कमी हुई। इन 32 पंचायतों में लापरवाह पंचायतों में फारबिसगंज के दस, जोकीहाट के 12, कुर्साकांटा के छह व नरपतगंज के चार पंचायत शामिल हैं। इस भीषण महामारी के समय पंचायत सचिव का इस तरह से लापरवाही बिल्कुल भी शोभनीय नही है। सरकार के द्वारा निर्देश देने के बावजूद भी सचिव साहब का ध्यान आकर्षित नही हो रहा है। साथ ही पंचायत के प्रतिनिधि के द्वारा भी किसी तरह का पहल नही किया जा रहा है।
विगत कुछ दिन पहले फ़ारबिसगंज प्रखण्ड के हरिपुर पंचायत में पूर्व मुखिया प्रवीण कुमार दास का निधन हो गया एवं उनके पिता होमियोपैथी चिकित्सक डॉक्टर अरुण लाल दास का भी कोरोना के वजह से मौत हो गई। गाँव मे पोजेटिव केस का मामला दिनों दिन बढ़ते जा रहा है फिर भी गॉंव में अभी तक न मास्क औऱ न ही साबुन का वितरण हुआ है। गॉंव के मुखिया परमानन्द ऋषिदेव ने बताया अभी तक जिला से कोई आदेश जारी नही किया गया । ग्रामीणों में सुधीर पासवान, बीरेंद्र पासवान, शैलेश दास, सिपिन कुमार,भगवान लाल पासवान, संजय साह, हीरा साह आदि ने जिला अधिकारी से गुहार लगाई है।
बिहार ब्यूरो चीफ़
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