जन जन की आवाज़, अररिया, बिहार
बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. मुखिया, सरपंच, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य समेत 6 पदों के लिए एकसाथ चुनाव होने वाला है. लेकिन चुनाव से पहले भावी उम्मीदवारों का टेंशन बढ़ गया है. टेंशन इस बात को लेकर बढ़ गया है कि क्या दो से अधिक बच्चे वाले लोग इसबार चुनाव में खड़ा हो सकते हैं या नहीं. यू-ट्यूब, वाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम पर इस तरह की कहानियां पढ़कर या देखकर आप भी परेशान हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि बिहार सरकार ने इस नियम को लेकर भ्रम दूर कर दिया है.
बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियां अंतिम चरणों में हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है. आपको बता दें कि पंचायती राज कानून-2006 में कहीं भी दो बच्चों के शब्द का जिक्र नहीं है, फिर भी अफवाह है कि दो से अधिक बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ पायेंगे. अगर आप भी ये सोचकर टेंशन में हैं. तो अब आप बिलकुल टेंशन मुक्त रहिये. क्योंकि बिहार सरकार ने क्लियर कर दिया है कि दो से अधिक बच्चे वाले भी मुखिया और सरपंच बन सकते हैं.
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने दो टूक कहा है कि ऐसा कोई प्रविधान नहीं है. इतना ही नहीं, आगे भी संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है. अमृत लाल मीणा ने अपने आदेश में कहा है कि इस बार पंचायत चुनाव मौजूदा अधिनियम पर ही कराए जाएंगे. वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायतों में हजारों की संख्या में ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जिनके दो से अधिक बच्चे हैं. इसके अलावा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे भावी प्रत्याशियों की संख्या भी लाखों में हैं.
गौरतलब हो कि जबसे ग्रामीण इलाकों में ये अफवाह फैली है कि दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशी इस बार चुनाव नहीं लड़ सकेंगे तबसे सभी पदों के उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ गई है. लेकिन अब उन्हें इस बात को लेकर ज्यादा टेंशन में नहीं रहना है. क्योंकि नियम स्पष्ट हो गया है कि इसबार इस चुनाव में “टू चाइल्ड पॉलिसी” लागू नहीं की जा रही है. यानी दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्ति भी मुखिया सरपंच का चुनाव लड़ सकते हैं. इसलिए आप अफवाह पर ध्यान मत दीजिए, आपनी चुनावी तैयारी पर पूरा जोर लगाइए. पंचायती राज नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ना ही बिहार सरकार इसमें कोई संशोधन करने जा रही है.
उधर दूसरी ओर, राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी की मंशा रखने वालों के लिए मानकों की सूची जारी की है. जो उम्मीदवार उन मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी.
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी मानकों की सूची इस प्रकार है –
भ्रष्टाचार के दोषी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया जायेगा.
चुनाव से जुड़े किसी कानून के तहत अगर उम्मीदवार को पहले अयोग्य घोषित किया गया है, तो वैसे उम्मीदवार को मौका नहीं मिलेगा.
मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
21 साल से कम उम्र वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है.
केंद्र सरकार, राज्य सरकार या कोई स्थानीय ऑथोरिटी की नौकरी करने वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
वैसे उम्मीदवार जिन्हें कदाचार के मामले नौकरी से पदमुक्त किया गया हो, वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
आपराधिक मामलों में 6 माहीने से अधिक की सजा पाने वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
बिहार ब्यूरो चीफ़
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