HomeUncategorizedसांप्रदायिक सौहार्द के बहाने मिनी इमरजेंसी-सिन्हा

सांप्रदायिक सौहार्द के बहाने मिनी इमरजेंसी-सिन्हा

कोरबा। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने जारी एक बयान में बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार द्वारा सरकार की नाकामियों को देखते हुए लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वालों पर 31 मार्च 2023 तक रासुका लागू किया है जो चिंता का विषय है।

सिन्हा ने आगे बताया कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चुनाव पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ तत्कालीन विपक्ष के नेता टी.एस.सिंहदेव द्वारा चुनावी घोषणा पत्र जारी कर सभी वर्गों को लाभ देने का वचन दिया था लेकिन सिंहदेव के स्थान पर भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया गया उसके बाद से कांग्रेस चुनाव घोषणा पत्र आज दिनांक तक शत-प्रतिशत लागू नहीं किया गया जिसके चलते प्रदेश में सभी वर्गों के लोगों द्वारा घोषणापत्र का पालन करने हेतु धरना प्रदर्शन आंदोलन किया जा रहा है जिसमें आदिवासियों द्वारा धर्मांतरण/ मातांतरण को लेकर आदिवासी संस्कृति की रक्षा तथा आदिवासियों के जल-जंगल व संस्कृति की रक्षा के लिए आदिवासी बहुल जिलों में आदिवासी के जबरन ईसाई बनाने वाले पर कार्रवाई तथा आदिवासी से ईसाई बनने पर आदिवासी का लाभ न देने को लेकर आंदोलन जारी है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार ने 2022 में भी धरना प्रदर्शन जुलूस पर बिना प्रशासनिक अनुमति लिए बगैर धरना प्रदर्शन पर प्रशासन ने रोक लगा दी थी जिसकी काफी निंदा भी हुई थी लेकिन आदेश आज दिनांक तक वापस नहीं लिया गया अभी पिछले माह आदिवासी बहुल जिले में धर्मांतरण को लेकर आंदोलन पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने सभी कलेक्टरों को एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि संप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून)के तहत गिरफ्तार करने का आदेश जारी किया है जिसमें 1 वर्ष तक सजा का प्रावधान है।
सिन्हा ने आगे बताया कि इस तरह से प्रदेश सरकार चुनाव पूर्व 1975 में कांग्रेस द्वारा सत्ता हासिल करने के लिए आपातकाल लागू किया गया था उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार भी चुनाव पूर्व मिनी इमरजेंसी लागू कर जबरन सत्ता पर काबिज होना चाहती है।

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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