सरकार ने बुधवार को देश में ही ड्रोन के निर्माण को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत कुछ अपवादों के साथ विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि अनुसंधान व विकास (R&D) के साथ रक्षा क्षेत्रों के लिए इसके आयात पर कुछ शर्तों के साथ छूट दी गई है। नागरिक विमानन मंत्रालय द्वारा आज जारी किए गए रिलीज में बताया गयाा,’ड्रोन के कंपोनेंट के आयात पर किसी प्रकार की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।’
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने विदेशों में बने ड्रोन के आयात पर पाबंदी को लेकर अधिसूचना जारी की है। नागर विमानन मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में देश में ड्रोन विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये उदार नियम जारी किए थे। सरकार ने पिछले वर्ष अगस्त में ड्रोन उपयोग के लिए अधिक उदार नियम पेश किए थे। उसके बाद सितंबर में सरकार ने ड्रोन एयरस्पेस नक्शा पेश किया था। अक्टूबर में सरकार यूटीएम पालिसी फ्रेमवर्क लेकर आई और दिसंबर में ड्रोन प्रमाणन के लिए डिजिटलस्काई नामक सिंगल विंडो प्लेटफार्म स्थापित किया गया।
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हाल में ही तेलंगाना में स्थापित किए गए ‘स्टैच्यू आफ इक्वलिटी’ को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि स्टैच्यू आफ इक्वलिटी को चीन की कंपनी की मदद से बनाया गया है। क्या नया भारत, चीन पर निर्भर है? बता दें कि, ‘स्टैच्यू आफ इक्वलिटी’ के निर्माण ‘पंचलोहा’, यानी पांच धातुओं सोना, चांदी, तांबा, पीतल व जिंक से किया गया है। यह बैठी हुई मुद्रा में दुनिया की सर्वाधिक ऊंची प्रतिमाओं में शुमार है। प्रतिमा की संकल्पना रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयर स्वामी ने की है।