शिक्षक दिवस पर शिक्षको के लिए सेमीनार
जुबान से भी आचरण की शिक्षा तेज होती है—भगवान भाई
रांझी, जबलपुर 6 सितम्बर
शिक्षक के अंदर के जो संस्कार है उनका विद्यार्थी अनुकरण करते हे । शिक्षकेां को केवल पाठ पढाने वाला शिक्षक नही बनना है । उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंदर सदगुणों का आचरण होना आवश्यक है । शिक्षा मे भौतिक सुधार तो है लेकिन नैतिकता का हृास होता जा रहा है। अपने जीवन की धारणाओं के आधार से नैतिक पाठ भी आवश्यक पढाये। आचरण की शिक्षा जबान में भी तेज होती है । उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे | वे स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र पर शिक्षक दिवस पर शिक्षको की समाज परिवर्तन की भूमिका विषय पर बोल रहे थे |
भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा देने के बाद भी अगर बच्चे बिगड रहे हैं उसका मतलब मूर्तिकार में भी कुछ कमी है । उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के शिल्पकार होते है आदर्श शिक्षक आदर्श समाज का निर्माण कर सकता है | शिक्षकों के हाव भाव उठना, बोलना, चलना, व्यवहार करना इन बातो का असर भी बच्चों के जीवन में पडता है । उन्होंने कहा कि अब समाज को शिक्षित करने व शिक्षा देने के स्वरूप को बदलने की आवश्यकता है | स्वयं के आचारण से शिक्षा देने की आवश्यकता है |
भगवान भाई ने कहा कि बिगड़ती परिस्थिति को देखते हुए समाज को सुधारने की बहुत आवश्यकता हैं । शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है । स्वयं की धारणाओं से वाणी, कर्म, व्यवहार और व्यक्तित्व में निखार आ जाता है। उन्होंने कहा कि एक दीपक से पूरा कमरा प्रकाशमान होता है तो क्या पूरे जिले को मूल्य निष्ठ शिक्षा से प्रकाशित हम सब मिलकर नहीं कर सकते हैं? अब आवश्यकता है सेवाभाव की ।
प्रिंसिपल रमाशंकर यादव जी ने कहा कि परिवर्तन करने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है, शिक्षकों को स्वयं को आचरण पर ध्यान देने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के साथ साथ तनाव मुक्त रहने की भी आवश्यकता है ।
प्रिंसिपल रविशंकर रजक जी ने ब्रह्माकुमारी द्वारा चलाये जा रहे इस नैतिक शिक्षा के अभियान की सराहना की । उन्होंने कहा नैतिक शिक्षा कि कमी समाज कि सभी समस्याओं का मूल कारण है |
प्रिंसिपल श्रीमती सुपर्णा दास जी ने कहा हमें ब्रह्माकुमारी बहनों के साथ मिलकर ब्रह्माकुमारी का राजयोग सिखकर बच्चो को संस्कारी बनाने कि आवश्यकता है |
नेपियर टाऊन , ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र की प्रभारी बी के भावना बहन जी ने बी के भगवान भाई का परिचय देते हुए कहा की बी के भगवान भाई जी ने 2010 तक भारत और नेपाल के 5000 से अधिक स्कुलो और 800 से अधिक जेलों( कारागृह) में नैतिक शिक्षा और सकारात्मक चिन्तन , अपराध मुक्त का पाठ पढ़ाया है जिस कारण उनका नाम इण्डिया बुक ऑफ रिकार्ड्स दर्ज हो चुका है | यह सेवा उनकी अभी भी जारी है |
मंच संचालन रांझी के बी के भगवान भाई जी ने किया और ब्रह्माकुमारी सस्था का विस्तार से परिचय दिया और कहा यह संस्था विभिन्न वर्गों को आध्यात्मक ज्ञान द्वारा सशक्त बनाने कि सेवा कर रही है |
पूर्व प्रिंसिपल विनोद मिश्रा जी ने भी अपनी शुभ भावनाए दिया |
कार्यक्रम में बी के संतोष भाई, बी के मूलचंद भाई और काफी संख्या में शिक्षक भी उपस्थित थे |
कार्यक्रम के अंत में स्थानीय ब्रह्माकुमारी कि प्रभारी बी के गीता बहन जी सभी को मेडिटेशन सिखाया और मेडिटेशन का चरित्रवान बनने में महत्त्व भी बताया गया |
कार्यक्रम कि शुरुवात दीप प्रज्वलन से और स्वागत डांस से किया गया |
कार्यक्रम के अंत सभी शिक्षक को ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र द्वारा शाल , नारियल, पेन और गिफ्ट देकर सन्मान किया गया |

जन जन की आवाज़