गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : – मरवाही वनमंडल में हुए करोड़ो के घोटाले में दोषी पाए गए छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाकर निलंबित कर दिया गया मगर फर्जी समिति गठित कर शासन को करोड़ो रूपये का चूना लगाने वाले दोषी IAS के पति प्रभारी डीएफओ पर कार्यवाही करने के नाम पर उच्चाधिकारियो के पसीने छूट रहे है . बता दे कि मामले की दो बार सीसीएफ और प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय रायपुर द्वारा जांच की जा चुकी है दोनों की जाँच रिपोर्ट में दोषियों पर निलबंन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी वही मामले में एक वनरक्षक , तीन डिप्टी रेंजर एवं दो रेंजरों पर निलबंन की कार्यवाही की जा चुकी है मगर घोटाले के मुख्य सरगना प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी पर कार्यवाही न होने से शासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे है
इस प्रकरण में प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तीन माह पूर्व संजय त्रिपाठी एसडीओ के विरुद्ध निलबंन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है किंतु आज पर्यंत तक इस प्रकरण को ठंडे बस्ते में डालकर आरोपी त्रिपाठी को बचाने का प्रयास प्रतीत होता है
एक तरफ सरकारे भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने का दावा करती है मगर वही जब शासन ही ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने लगेगा तो आम जनता का भरोशा आखिर कैसे कायम हो पायेगा ,आपको बता दे उक्त मामले की शिकायत 19 जून को मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के प्रस्तावित दौरे में किया जाएगा
देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री द्वारा मामले में क्या कार्यवाही की जाती है या यहाँ से भी आरोपी संजय त्रिपाठी को अभयदान मिल जाएगा
जन जन की आवाज़