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अयोध्या दीपोत्सव ने रचे 2 ऐतिहासिक कीर्तिमान, गिनीज बुक ने CM योगी को सौंपा वल्र्ड रिकॉर्ड का प्रमाण-पत्र

कोरबा कटघोरा—- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव-2024 के अवसर पर राम की पौढ़ी, अयोध्या में दीप प्रज्ज्वलित किया। मंत्रोच्चार के साथ सरयू की आरती एवं पूजन किया। दीपोत्सव-2024 में दो विश्व कीर्तिमान रचे गए। पहला 1,121 लोग एक साथ सरयू की आरती कर और दूसरा राम की पौढ़ी पर 25 लाख 12 हजार 585 दीप प्रज्ज्वलित कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की ओर से मुख्यमंत्री को इस कीर्तिमान का प्रमाण-पत्र सौंपा गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव का यह कार्यक्रम हमें दीप से दीप जलाने के माध्यम से सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को सम्बल देने की प्ररेणा प्रदान कर रहा है। प्रभु श्रीराम का अयोध्या आगमन एक अद्भुत और अलौकिक घटना है। यह अयोध्याधाम को दुनिया के मानचित्र पर प्रस्तुत करता है। अयोध्या के माध्यम से दीपोत्सव दुनिया को नई प्रेरणा प्रदान करता है।

 

सीएम योगी ने कहा कि यह दीप केवल अज्ञान के तमस को दूर करने का माध्यम ही नहीं, बल्कि अन्याय और अत्याचार के तमस का विनाश करने वाला साबित होना चाहिए। अयोध्या का यह सन्देश प्रदेश में जाना चाहिए। नये भारत का नया उत्तर प्रदेश और नये उत्तर प्रदेश की नयी अयोध्या प्रभु श्रीराम की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित हो रही है। प्रदेश में हर घर मेे  दीपोत्सव का आनन्द होना चाहिए।

राम की पौढ़ी पर 3-डी होलोग्राफिक शो, प्रोजेक्शन मैपिंग, रामायण पर आधारित भव्य लेजर-शो तथा ड्रोन शो का आयोजन हुआ। दिव्य व नयनाभिराम आतिशबाजी का लोगों ने आनन्द उठाया। मुख्यमंत्री ने रामकथा पार्क में 8वें दीपोत्सव पर आयोजित श्रीरामलीला की प्रस्तुतियों का अवलोकन किया।  मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव-2024 को भव्य स्वरूप प्रदान करने में अपनी भूमिका निर्वहन करने वाले 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में दर्शन-पूजन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव के भव्य और दिव्य कार्यक्रम को पूरी दुनिया देख रही है। सनातन धर्म दुनिया का प्राचीनतम तथा मानवता का धर्म है। यह जियो और जीने दो के सिद्धान्त पर विश्वास करता है। यह सबके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला धर्म है। जब भी कोई इस शाश्वत व्यवस्था पर प्रहार करेगा, तो वह स्वयं के विनाश को ही आमंत्रित करेगा।

उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं। वह समाज को उसी रूप में बांट रही हैं, जिस प्रकार त्रेता युग में रावण और उसके अनुयायियों ने किया था। आज भी ऐसे लोग जाति, क्षेत्र, भाषा तथा परिवार के नाम पर समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। इसके माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को चुनौती दी जा रही है।

 

 

विनोद जायसवाल
विनोद जायसवाल
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